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लेसन 4: सीखने को बेहतर बनाने हेतु शिक्षकों के लिए रणनीतियाँ- मास्टरी लक्ष्यों को असाइनमेंट के साथ जोड़ना
- मास्टरी लक्ष्यों और असाइनमेंट के सफल एकीकरण के लिए छह चरण
- विभेदित अधिगम (डिफ्रेंशिएटेड लर्निंग) के लिए खान एकेडमी का उपयोग
- फ्लिप कक्षा के लिए खान एकेडमी का उपयोग
- रिकैप: विभेदित अधिगम (Differentiated Learning) और फ्लिप कक्षा (Flipped Classroom)
- सीखने को बेहतर बनाने हेतु शिक्षकों के लिए रणनीतियाँ
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मास्टरी लक्ष्यों को असाइनमेंट के साथ जोड़ना
इस लेख में, हम मास्टरी लक्ष्यों को असाइनमेंट के साथ जोड़ के अपने विद्यार्थियों को वैयक्तिकृत अनुभव प्रदान करने के बारे में सीखेंगे।
मास्टरी लक्ष्यों को असाइनमेंट के साथ जोड़ना
हमारा लक्ष्य है कि सत्र के अंत तक सभी विद्यार्थी कोर्स की पाठ्य सामग्री में महारत हासिल कर लें। खान एकेडमी में, हमारा मानना है कि उचित मार्गदर्शन मिलने पर सभी विद्यार्थी ऐसा करने में सक्षम हैं। लक्षित असाइनमेंट के साथ कोर्स और यूनिट मास्टरी लक्ष्यों का उपयोग करके हम विद्यार्थियों के लिए मास्टरी हासिल करने की गति बढ़ा सकते हैं।
कोर्स में मास्टरी हासिल करने का लक्ष्य एक विद्यार्थी के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य के रूप में कार्य करता है, जिसमें विद्यार्थी पूरे स्कूल वर्ष के दौरान खान एकेडमी के कोर्स में मास्टरी हासिल करता है। यह व्यापक लक्ष्य संपूर्ण कोर्स के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है और निरंतर प्रगति को प्रोत्साहित करता है।
यूनिट में मास्टरी हासिल करने के लक्ष्य अल्पकालिक लक्ष्य हैं जिनका उद्देश्य किसी एक यूनिट में मास्टरी हासिल करना है। ये लक्ष्य वर्तमान में कक्षा में पढ़ाई जा रही विषय-वस्तु के अनुरूप होते हैं और पढ़ाई जा रही यूनिट की पाठ्य सामग्री की समझ को बढ़ाते हैं। इन्हें आपकी शिक्षण योजना के अनुसार किसी भी क्रम में सौंपा जा सकता है।
कोर्स मास्टरी को दीर्घकालिक लक्ष्य के रूप में और यूनिट मास्टरी को अल्पकालिक लक्ष्य के रूप में उपयोग करके शिक्षक और विद्यार्थी अपनी सीखने की प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं और सफलता की राह पर प्रेरित रह सकते हैं। दीर्घकालिक और अल्पकालिक लक्ष्यों का यह संयोजन सीखने का एक लचीला और वैयक्तिकृत अनुभव प्रदान करता है जिसे प्रत्येक विद्यार्थी की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सकता है।
अक्सर ऐसा होता है कि जिन विद्यार्थियों को कोई अवधारणा समझ में भी नहीं आती है, उन्हें अगली विषय-वस्तु पढ़ाना शुरू कर दिया जाता है। जब ऐसा होता है तब विद्यार्थी उस बुनियादी समझ से वंचित हो जाते हैं जो किसी नई विषय-वस्तु या नई पाठ्य सामग्री को समझने के लिए आवश्यक होती है और यह अंतर या समझ की कमी भविष्य में बड़ी हो जाती है, जिससे विद्यार्थी को आगे आने वाली अधिक कठिन एवं जटिल अवधारणाओं को समझने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
खान एकेडमी में असाइनमेंट एक रणनीतिक उपकरण है जिसका उपयोग विद्यार्थियों की वैयक्तिकृत सहायता के लिए किया जाता है।इसे उन विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए उनके अनुरूप बनाया जा सकता है जो सीखने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। इसी तरह इसके द्वारा उन विद्यार्थियों को अधिक कठिन प्रश्न दिए जा सकते हैं जो आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य पूरी कक्षा की जरूरतों को पूरा करना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य उन विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित करना है जिन्हें अतिरिक्त लक्षित मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
शिक्षक वीडियो, लेख, अभ्यास, क्विज़ और यूनिट परीक्षण जैसे विभिन्न प्रकार के संसाधनों से इन असाइनमेंट को बना सकते हैं। विद्यार्थियों के प्रदर्शन और प्रगति पर नज़र रखकर शिक्षक उनकी समझ में मौजूद अंतरालों की पहचान कर सकते हैं और तदनुसार उन्हें असाइनमेंट सौंप सकते हैं। इस तरह, प्रत्येक विद्यार्थी कोर्स की पाठ्य सामग्री में मास्टरी हासिल करने के लिए आवश्यक विशेष सहायता प्राप्त कर पाता है। इससे वे विभिन्न कौशलों में मास्टरी हासिल करने में सक्षम हो जाते हैं और अगली यूनिट को समझने में सफल हो पाते हैं, क्योंकि उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।
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