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कोर्स: उत्तर प्रदेश कक्षा 12 भौतिकी > यूनिट 1
लेसन 1: विद्युत आवेश और उसका संरक्षणवैद्युत आवेश का पुनः अवलोकन (Electric charge review)
वैद्युत आवेश से संबंधित महत्वपूर्ण पदों और कौशलों का पुनः अवलोकन, जिसमें नेट आवेश की गणना करना भी सम्मिलित है।
महत्वपूर्ण पद (Key terms)
पद | अर्थ | |
---|---|---|
मूल आवेश ( | आवेश की सबसे छोटी संभव इकाई। इसका परिमाण एक प्रोटॉन या एक इलेक्ट्रॉन के आवेश के परिमाण के बराबर यानि | |
नेट आवेश | किसी वस्तु पर लगे सभी आवेशों का योग। | |
कूलॉम (C) | वैद्युत आवेश की SI इकाई। यह |
नेट आवेश की गणना कैसे करें
विद्युत आवेश दो प्रकार के होते हैं, धनात्मक और ऋणात्मक। परमाणु के स्तर पर, प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है और इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है।
हालाँकि एक प्रोटॉन का द्रव्यमान एक इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान से बहुत अधिक होता है किन्तु उनके आवेशों का परिमाण बराबर होता है।
यदि किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों की तुलना में प्रोटॉन अधिक हैं, तो वस्तु पर नेट आवेश धनात्मक होता है। यदि प्रोटॉन की तुलना में इलेक्ट्रॉन अधिक हैं, तो वस्तु पर नेट आवेश ऋणात्मक होता है। यदि प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान है, तो वस्तु वैद्युत रूप से उदासीन होती है।
जब वस्तुओं के बीच आवेश स्थानांतरित होता है तो केवल इलेक्ट्रॉन ही गति करते हैं। एक इलेक्ट्रॉन को और छोटे टुकड़ों में नहीं तोड़ा जा सकता है, इसलिए आवेश हमेशा मूल आवेश के गुणकों में परिवर्तित होता है। इलेक्ट्रॉनों के इस गुण का अर्थ है कि आवेश क्वांटीकृत (quantized) होता है और किसी भी वस्तु पर आवेश मूल आवेश का पूर्णांक गुणज (integer multiple) होना चाहिए। किसी वस्तु का आवेश आदि हो सकता है, लेकिन आदि नहीं हो सकता।
और जानिए
विद्युत आवेश को और गहन तरीके से समझने के लिए, हमारा वीडियो ट्राइबोइलेक्ट्रिक प्रभाव और आवेश देखें।
अपनी समझ की जांच करने और इन अवधारणाओं पर महारत हासिल करने की दिशा मे काम करने के लिए प्रायोगिक आंकड़ों में आवेश का क्वान्टमीकरण (quantization) विषय पर अभ्यास देखें।
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